• 1. 
    'बंद द्वार की सौंकल' खुलने से क्या तात्पर्य है।

  • प्रज्ञा चक्षुओं का खुलना
  • दरवाजा खुलना
  • परमात्मा के पास जाने का रास्ता खुल जाना
  • संसार से विदा होना
  • 2. 
    'माझी' का यहाँ क्या अर्थ है?

  • नापिक
  • मध्यस्थ
  • ईश्वर
  • गुरु
  • 3. 
    हमारी ईश्वर से कब पहचान होगी?

  • जब हम कर्मों में लिप्त रहेंगे
  • जब हम शिक्षा प्राप्त करेंगे
  • जब हम दूसरों पर उपकार करेंगे
  • जब हम स्वयं को जानेंगे
  • 4. 
    'वाख' किसे कहते हैं?

  • एक पक्षी का नाम है
  • वाणी को वाख कहते हैं
  • कश्मीर में कविता को वाख कहते हैं
  • वाख ईश्वर भक्त को कहते हैं
  • 5. 
    'जेब टटोलने' का प्रतीकार्थ है?

  • आत्मावलोकन करना
  • खर्च का हिसाब लगाना
  • माझी को उसका किराया देना
  • किसी का कणी न रहना
  • 6. 
    रस्सी का प्रयोग कवयित्री ने किस के लिए किया

  • ईश्वर तक पहुँचने के लिए
  • रस्ती का प्रयोग प्राणों के उस सहारे के लिए हुआ है जो हमें ईश्वर तक ले जाता है
  • रस्सी बंधन का प्रतीक है
  • रस्सी मोहपाश का प्रतीक है
  • 7. 
    'समखा तभी होगा समभावी' पंक्ति में निहित जर्घ बताइए।

  • यमक
  • रूपक
  • श्लेष
  • उत्प्रेक्षा
  • 8. 
    'सुषुम सेतु पर खड़ी थी' पंक्ति में अर्थ बताइए।

  • यमक
  • श्लेष
  • रूपक
  • उपमा
  • 9. 
    समभावी का क्या अर्थ है?

  • ईश्वर के साथ समभाव रखना
  • सभी प्राणियों के साथ समभाव रखना
  • ईश्वर की साधना करना
  • कर्म करते रहना
  • 10. 
    भवसागर में कौन-सा अलंकार है?

  • उपमा
  • रूपक
  • अनुप्रास
  • यमक
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